डीबीएस कॉलेज कानपुर संस्कृत विभाग द्वारा दिनांक 26- 10 -2024 को विषय भारतीय परंपरा पर एक व्याख्यान माला आयोजित हुई जिसमें सर्वप्रथम कार्यक्रम का आरंभ सरस्वती वंदना से हुआ। तत्पश्चात संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्षा प्रोफेसर प्रीति राठौर ने अतिथियों का सम्मान करते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा शिक्षा की समृद्धशाली परंपरा है ।यह संपूर्ण विश्व की धरोहर है। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की गई है। प्राचार्य जी ने शुभाशी र्वचन देते हुए भारतीय परंपरा को प्राचीनतम बतलाते हुए कहा कि भारतीय शिक्षा परंपरा बहुत ही पुरातन है और उन्होंने संस्कृत के महत्व को बतलाते हुए कहा कि संस्कृत विषय ऐसा विषय है, जिसमें सभी विषय समाहित है। इसको जानने के लिए हमें संस्कृत साहित्य की गहराई में जाना होगा । तत्पश्चात कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रोफेसर अनीता सोनकर जी ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को हम हम तब समझ सकेंगे जब हम इससे जुड़े वेद , उपनिषद, रामायण, महाभारत आदि ग्रंथों में निहित ज्ञान भंडार की उपादेयता को समझेंगे। उन्होंने कहा कि इन सभी ग्रंथों में सार गर्भित ज्ञान का भंडार है ।उन्होंने जहां इसको श्रीमद् भागवत गीता के कर्म योग से जोड़ा । वहीं बौद्ध दर्शन, जैन दर्शन आदि से विषय का प्रवर्तन किया । कार्यक्रम का संचालन डॉ० प्रत्यूष वत्सला द्विवेदी जी ने किया। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र द्वारा किया गया। इसके पश्चात् मुख्य अतिथियों ने प्रथम पुरस्कार रोशनी पाल, द्वितीय पुरस्कार महालक्ष्मी शुक्ला, तृतीय पुरस्कार हर्षित अवस्थी को प्रदान किया। तथा कार्यक्रम में विद्यार्थीयों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।