2 Days National Seminar on Liberalization

Day-1

डी.बी.एस. काॅलेज, कानपुर के इतिहास विभाग में आज 25.03.2025 को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम दिन का आयोजन संपन्न हुआ। संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि गोविंद नगर विधाननसभा क्षेत्र के विधायक सुरेन्द्र मैथानी ने अपने उद्बोधन में समाज में महिला सशक्तीकरण की उपयोगिता व प्रासंगिकता पर अपने विचार प्रकट करते हुए बताया कि महिलाओं की प्रगति हेतु समय-समय पर क्रियान्वित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, उज्ज्वला योजना आदि सरकारी योजनाओं ने महिला सशक्तीकरण को मजबूती प्रदान की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे वी एस एस डी कॉलेज के प्रो. अनिल कुमार मिश्रा ने भारत में उदारीकरण के पश्चात महिलाओं की स्थिति में आए सकारात्मक परिवर्तन की चर्चा करते हुए महिला अधिकारों से संबंधित संवैधानिक पक्षों पर बात की।महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार मिश्रा ने अपने वक्तव्य में बताया कि महिलाओं के लिए अनेक सामाजिक वर्जनाओं को उदारीकरण ने तोड़ने का कार्य किया।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित श्री संजय हर्ष ने अपने वक्तव्य में उदारीकरण के बाद भारत में आए सामाजिक एवं राजनीतिक परिवर्तनों के फलस्वरूप महिलाओं की स्थिति में आए सुधार के संदर्भ में अपनी बात रखी। संगोष्ठी की विशिष्ट वक्ता डॉ. तूलिका रानी ने महिलाओं में डिजिटल व तकनीक के माध्यम से समाज में आए बदलावों पर प्रकाश डाला।

 

राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम दिवस की अध्यक्षता कर रहे डॉ. एस .एन. श्रीवास्तव ने शहरीकरण के पश्चात महिलाओं के जीवन में आए गुणात्मक परिवर्तन की चर्चा की। इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो वी के खरे ने भी संगोष्ठी में महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव एवं चुनौतियां पर अपने विचार व्यक्त किये। संगोष्ठी संयोजिका डाॅ. रीतेश यादव ने कार्यक्रम की प्रास्ताविकी देते हुए उदारीकरण के फलस्वरूप महिलाओं की स्थिति में आए विविध परिवर्तनों की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम के सहसंयोजक डॉ सुधीर कुमार वर्मा ने उदारीकरण के पश्चात महिलाओं के जीवन में आए सकारात्मक परिवर्तनों के साथ ग्रामीण समाज में अभी भी विद्यमान चुनौतियों से भी अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. अनिता निगम ने किया । प्रो. प्रीति राठौर, प्रो. प्रत्यूष वत्सला द्विवेदी, डाॅ. अनिता सिंह, डाॅ. सुनील कुमार पांडेय, डाॅ. मोनिका गुप्ता, डाॅ. कृष्णदेव यादव, डाॅ. प्रियंका सोनवानी,श्री शिव नारायण सिंह, सहित महाविद्यालय के शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

Day-2

डी.बी.एस. काॅलेज, कानपुर के इतिहास विभाग में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रायोजित की जा रही दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन विद्या की अधिष्ठात्री माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम का स्वागत वक्तव्य देते हुए डॉ. सुधीर कुमार वर्मा ने उदारीकरण के पश्चात भारत में उत्पन्न आर्थिक, सामाजिक स्थितियों के संदर्भ में महिलाओं की स्थिति में आए परिवर्तनों की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. निखिल गंगवार ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उत्तर प्रदेश की महिलाओं के योगदान के बारे वक्तव्य देते हुए बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं का भी योगदान अविस्मरणीय रहा है। कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. कुमार प्रशांत शेखर ने महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि लिंगभेद और पुरुषवर्चस्वी मानसिकता से मुक्त होकर ही महिला के विरुद्ध होने वाले अपराधों से मुक्ति पाई जा सकती है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. शैलेन्द्र चौहान ने बताया कि उदारीकरण के पश्चात भारत में महिलाओं में तकनीकी क्षमता और अस्मिता चेतना का विकास देखने को मिलता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ. रीतेश यादव ने समकालीन दौर में महिलाओं में विकसित हो रही आत्मनिर्भरता की चेतना पर अपना वक्तव्य दिया। इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विजय खरे ने कार्यक्रम की सफलता के लिए बधाई व आशीर्वचन दिए।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. प्रत्यूष वत्सला द्विवेदी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मोनिका गुप्ता ने दिया। इस अवसर पर प्रो. डॉ. एस.एन. श्रीवास्तव , डाॅ. अनिता सिंह, डॉ॰ प्रीति सिंह,डॉ अनीता निगम,डाॅ. सुनील कुमार पांडेय, डाॅ. कृष्णदेव यादव, डॉ॰ गौरव सिंह, डॉ. संतोष कुमार यादव, डाॅ. प्रियंका सोनवानी ,श्री शिव नारायण सिंह, डॉ ॰ स्वदेश गुप्ता, डॉ. अभिषेक जौहरी सहित महाविद्यालय के शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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