डी. बी. एस. कॉलेज, गोविंद नगर, कानपुर में आज संविधान निर्माता, महान विधिवेत्ता, समाज सुधारक और भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में एक भव्य एवं गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम डॉ. अंबेडकर के विचारों, जीवन संघर्ष और सामाजिक न्याय के प्रति उनके योगदान को स्मरण करने और उससे प्रेरणा लेने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अनिल कुमार मिश्र ने की, जिन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. अंबेडकर के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे न केवल संविधान के शिल्पकार थे, बल्कि एक प्रेरणादायी विचारक, उत्कृष्ट शिक्षाविद् और सामाजिक समरसता के प्रबल पक्षधर भी थे।
आईक्यूएसी समन्वयक प्रोफेसर के. के. श्रीवास्तव ने भी सभा को संबोधित करते हुए डॉ. अंबेडकर की शैक्षणिक उपलब्धियों और सामाजिक सुधार हेतु उनके द्वारा किए गए संघर्षों को आज के युग में अत्यंत प्रासंगिक बताया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. शिखा सक्सेना, श्री कृष्णा देव, तथा प्रोफेसर राजीव सिंह रहे। वक्ताओं ने डॉ. अंबेडकर के जीवन दर्शन, उनके सामाजिक आंदोलन, जाति प्रथा के विरुद्ध संघर्ष और शिक्षा को मानव मुक्ति का माध्यम बनाने की सोच पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज के युवा यदि डॉ. अंबेडकर के विचारों को आत्मसात करें, तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
इस अवसर पर कॉलेज के शिक्षकगण, विद्यार्थी, तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारीगण भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने पूरे श्रद्धाभाव से डॉ. अंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की और उनके विचारों पर चलने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गौरव सिंह ने कार्यक्रम का सफल संचालन एवं समन्वय किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन हम सभी के लिए एक प्रेरणा है, विशेषकर युवाओं के लिए, जिन्हें अपने अधिकारों के प्रति सजग रहते हुए समाज के वंचित वर्गों के लिए कार्य करना चाहिए।